Poetic Rebellion .....

Monday, December 16, 2013

NAAP Party

तू मेरा काम कर  … मैं तेरी नाँव हूँ   ....
पेड़ है स्वार्थ का  … मतलबी छावं हूँ   …
आज कर दे मदत  … पर न उम्मीद रख  …
गिरगिटों से भरा है  .... मैं वो गावँ हूँ  …

तू है मासूम तो  … सुन  … ये गाली है एक  …
इस ज़माने कि फितरत पे  … कालिख है एक   …
कोई कुत्ता है गर  … तू कमीने सा बन   …
हरकतों से जता  … तेरा वालिद हूँ मैं  … 

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