तू मेरा काम कर … मैं तेरी नाँव हूँ ....
पेड़ है स्वार्थ का … मतलबी छावं हूँ …
आज कर दे मदत … पर न उम्मीद रख …
गिरगिटों से भरा है .... मैं वो गावँ हूँ …
तू है मासूम तो … सुन … ये गाली है एक …
इस ज़माने कि फितरत पे … कालिख है एक …
कोई कुत्ता है गर … तू कमीने सा बन …
हरकतों से जता … तेरा वालिद हूँ मैं …
पेड़ है स्वार्थ का … मतलबी छावं हूँ …
आज कर दे मदत … पर न उम्मीद रख …
गिरगिटों से भरा है .... मैं वो गावँ हूँ …
तू है मासूम तो … सुन … ये गाली है एक …
इस ज़माने कि फितरत पे … कालिख है एक …
कोई कुत्ता है गर … तू कमीने सा बन …
हरकतों से जता … तेरा वालिद हूँ मैं …
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