Poetic Rebellion .....

Saturday, September 29, 2012

और दिल प्यार में पागल हो डूब जाता है..

सितारों के आगे मेरा एक जहाँ हो ..
की जिस में मेरा एक हंसी आशियाँ हो..
निगाहों में मस्ती का आलम हो ऐसा..
मैं तनहा रहू पर न तन्हाइयां हो .

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मेरी पलकों की घनी छाओं में अक्सर आकर ..
कौन हो तुम जो मुझे प्यार से यूं समझा कर .
अपनी मासूम निगाहों में डूबा देती हो..
और दिल प्यार में पागल हो डूब जाता है..

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हर कदम पर मेरी ये सांस सभी से पूछे ..
कौन है वो जो इस तरह से यूं मुझे छु के ..
प्यार की राह में दीवानों सा तनहा छोड़ा ..
अब तेरी अक्स की आँखों में डूब जाता हूँ..

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Tuesday, September 25, 2012

जाने वाले जरा ...

जरा सी सांस कम होगी तुम्हारे दूर जाने से ....
मेरी आवाज कम होगी तुम्हारे दूर जाने से ......

तुम्हें एहसास मुमकिन है न होजं इतनी मोहब्बत का .....
बहुत सी आँख नम होंगी तुम्हारे दूर जाने से ...

मिले दो पल हंसा कर चल दिए यूँ बेवफाई से ...
हंसी सब भूल जायेंगे तुम्हारे दूर जाने से ....

ये सपना था, हकीकत थी, मुझे इस से नहीं मतलब ..
ख़ुशी की रात कम होंगी.. तुम्हारे दूर जाने से.....

वो हर एक बात पे हँसना हँसाना गुन गुना जाना....
कहाँ ये बात होगी अब तुम्हारे दूर जाने से ......

चलो तकदीर में इतना सही इतना मिला हमको ....
हमें मत भूल जाना तुम मगर यूँ दूर जाने पर......

Sunday, September 23, 2012

करवाचौथ

आज फिर से है रोशन समां देखिये ..
आज फिर से है सबनम जवां देखिये ..
मेरा महबूब मेरे लिए सज रहा ...
उसकी नूरे नजर शोखियाँ देखिये ..

आँख कितनी गुलाबी हुई जा रही ..
होठ ऐसे की मदिरा बही जा रही ..
सारा यौवन है उसका महकता हुआ ..
मेरी दुनिया का ये आशियाँ देखिये ..

उसका कहना सुनो जी मैं थकने लगी ..
प्यास से .. भूख से .. मैं बहकने लगी ..
देख आओ की छत से है चंदा कहां ..
बेकरारी की ये इन्तेहाँ देखिये ..

सुन के इतरा गया उसके अंदाज पर ..
उसकी मासूम जिद और आवाज पर ..
छत पे भाग गया चाँद को ढूँढने  ..
ढूंढता हूँ कहाँ से कहाँ देखिये ...

हर तरफ झांकियां ..तारों की सज रहीं ..
हर तरफ दुल्हनें आसमां तक रहीं ..
सब हैं हाथों की चलनी में  दीपक लिए ..
कितनी  प्यारी हैं दुल्हन यहाँ देखिये ..

पर इधर तो नजारा ही कुछ और है ..
आसमां का ये मंजर भी मगरूर है ..
चांदनी है सजी साथ तारे भी हैं ..
दुल्हनो का नया कारवां देखिये ..

अपनी बाँहों में  ले कर के महबूब को ..
प्यारी सी एक हिदायत मैं देने लगा ..
बैठ जाओ किसी की नजर न लगे ..
चाँद से भी हंसी चाँद हैं ...देखिये ..

देख कर आसमां के हंसी चाँद को ..
उसका मासूमियत से मुझे देखना ..
जैसे आँखों ही आंखों मैं हो कह रही ..
आप मेरे हैं मैं आपकी देखिये ..

आज फिर से है रोशन समां देखिये ..
आज फिर से है सबनम जवां देखिये ..
मेरा महबूब मेरे लिए सज रहा ...
उसकी नूरे नजर शोखियाँ देखिये ..




दिल की धड़कन में सदा तेरी लिए फिरता हूं |

जब तलक रूप का दीदार नहीं करती है ..
तीर दिल के ये नजर आर पार करती है |
मानो साँसों को तेरी आह की जरुरत है ..
दिल की धड़कन में सदा तेरी लिए फिरता हूं |

सारी दुनिया की हर निगाह है जिसके जानिब...
वो तेरे पावँ तले सर कओ झुकता साहिब ..
लब का हिलना है तेरे दूर... मुस्कुराती भी नहीं ..
फिर भी सपनो में बसा .... तुझको तके जाता हूं..

ये मेरे इश्क की ताबीर नजर आती है ..
एक कमसिन सी हंसी मुझको जगा जाती है ..
ख्वाब में ही ये सही .. होता है अक्सर जालिम ..
मुस्कुराता तो हूं ..मैं अपने आप के बस में ..

सुन.. ऐ मेरी मोहब्बत ... नज़रों का सुन तकाजा ..
महरूम हूं ख़ुशी से ..दीदार का हूं .. प्यासा ..
ढा और न सितम तू ... आँखों की प्यास भर दे ..
लम्हों को दे के अपने ..ले जिंदगी मुझी से ...

एक और बात ..

उठती गिरती हुई पलकों की हया क्या कहना..
आपको छु के शमा मदहोश हुआ जाता है..
जिश्म शीशे का तराशा हुआ एक ताजमहल ..
ख्वाब मैं प्यार के कुछ आशियाँ दिखता है..

जो शमा प्यार का दुनिया मैं कहीं और न हो ..
उन गुलों से मैं तेरा गुल्शिता सजा देता
तेरे धड़कन भी जहाँ दिल पे मेरी दस्तक देती
हाले दिल मैं भी निगाहों से ही बता देता

न कोई छोर है इन प्यार की उमीदों का ..
जो निगाहों में ही हैं आशियाँ बसा लेती
और फिर रास्ते खो जातें है उन ख़्वाबों में
जिनको में ढूँढता रहता हूँ मेरी यादों में...

Ek Aur Mohabbat

Notice board per ek notice aayi..jara gaur se suniyega..
Pyaari behno aur un ke moh bole bhaai.
Likha tha..
Aajkal mahool jara garm hai..
Ladkon ka para jara narm hai ..phir ye ladkiyan kyoun hai garmayi
Chauka bartan chod ker strike pe uttar aayi.
“Ek mohtarma hamare pass bhi aayin…
Bade role se dupatta hata ker chillaayin..
Wahan kya ker rahe ho idhar aao idhar..
Mard ho mard mard ka dharma to nibhao..
Aakhir boys hostel ke ho..girls hostel ke sath kahde to ho jao…
Sunte hi hamko bhi aa gaya tao..
Humne un se poocha jara batlao..
Aaj aayi hai hamari yaad..
Kal hum mer gaye the jab ghumti thi Day scholors ke sath..
Is per ek sajan bade itmeenan se bole
..bhole……………..
Is waqt to sath khade ho jao..
Pati ben ker na sahi bhai ban ker hi dharm nibhao..
Yah sunte hi 2500 watt ka bulb hamari aankhon main chamka..
Aisa laga jai se prem patr mil gaya ho jaane man ka..
Ye baat jab humne apne sangi sathiyoun ko hostel main battayi..
To boys hostel main bhi ho gayi ladayi..
Kuch bole …
Naajuk mauke ka fayda uthate ho…..
Strike main khade hone ke bahane ladkiyan ghumate ho…
Sharm nahi aati tumko abla ko youn fusllaate ho..
Peeche se awwaj aayi..
Mere bhai aap bhi to ker rahe the diljalon se dil ki lagayi..
Maine kaha khaamosh…chup……………
Raaj ki baton ko chupke se sunate hain..
KAhin kavita bana ker Seminaar hall main sunaate hain..
LEki ye to bata tujhe kaise chal pata…
To mahoday badi kaatil hansi muskuraaye aur boole..
Bhoole……………….
Tumhare hi transformer main hai humne bhi apne taar lagaaye..
Main haaran..
Dauda dauda main pehuncha apnee transformer ke pass…
Aur poocha….
Kyoun kerti ho mere viswaas ka satyanaash….
Wah boli
Mere sath to chalo kadki hai per..
Tumhare ander ye aag kyoun bhadki hai..
Mujhe per chlaate ho aur khud jo chaar shifton main duty bajjate ho..
Sunte hi main ho gaya cool..
JAwaab mila hi tha itna maakul..
Ki achaanak mujhe ek mahashay najar aaye..
Jo kahde the ek mohtarma ke duptte se jabran hath sataye..
Maine poocha kyoun ji kasa kaam kerte ho..
Private property per serkaary kaam kerte ho..
Chalo incrouchment haatao…
Strike kahtam hone se pehle bhaag jao..
Sun ker mahaashay ghabraaye..badi tejy se chillaye..
Bole…kya sahar ki development authority se ho
Maine kaha ji nahi main…
Rastrvaadi youth party se hun..
Mahilon ka sachha sevek hun.
Seva ka kaam kerta hun..
Aur bina mehntaana liya…logon ka kaam tamam kerta hun..
Sonte hi wo to bhaage hi bhaage ..
Ladikiyoun kea age se procter bhi aa gaye..
Bole kya hai..
Main bola ji………………..
Hawa hai………………
Jo her pal aapko hone ka ehsaas dilaty hai aur..
Aur ladikiyoun ki tarah hi dhokha de ke phir nikal jaati hai.
Thanx to you all..
Missing you doston.

एक रूठे तो नए दोस्त बना लेते हैं..

वक़्त की डोर मेरे दिल को खीचती क्योँ है..
वो याद आज भी आँखों को सीचती क्योँ हैं
मैं बिना उसके एक पल कभी न जी पाया..
जिंदगी मुझ से इस कदर से रूठती क्योँ है..

वो नजर और वो होटों की नर्म पंखुडियां ..
वो नरम गालों की मलिका थी मेरी रान्जनिया ..
उसको क्योँ कैद किया है भला मुकद्दर ने ..
जिंदगी दे के मुहब्बत को लुटती क्योँ हैं..

वैसे बेहतर था तेरा मुझ से दूर यूँ जाना..
अपनी दुनिया को खुद से लूटना जला जाना..
बहुत देखा तुने मंजर मेरी रुसवाई का..
जिसको देका नहीं वो इश्क परखती क्योँ है..

आओ हम फिर से नयी डोर बना लेते हैं..
जख्मी दिल है उसे एक ओर छुपा लेते हैं..
वैसे मुझको भी पता है और तुमको भी पता..
एक रूठे तो नए दोस्त बना लेते हैं..

वो लड़के किस तरह रिशते भुला बैठे यहाँ सारे

पहले ये हाल था की गम हमें रुलाते थे
अब ये आलम है की हम गम को हंसा लेते हैं
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मेरी तकदीर में मालूम नहीं लिखा क्या है
हम तो बस ख्वाब देखते हैं सजा लेते हैं |
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हमको एहसास है लम्बी है डगर सूनी है
बस यही सोच कर रूठों को मना लेते हीं
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मेरे अश्कों की कीमत यूँ तो जाने क्या रही होगी
वो तेरी याद थी जो कौदियौं में बह गए सारे...
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अभी कुछ रोज पहले दोस्त थे हमराज थे मेरे
जरा सी रात क्या आई पराये हो गए सारे......
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बड़ी बेजार दुनिया है बड़ी मतलब परस्ती है
वफ़ा और दोस्ती बस नाम बन कर रह गए प्यारे...
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बड़ी मुदात से जिस लड़के को इस काबिल बनाया था
वो लड़के किस तरह रिशते भुला बैठे यहाँ सारे

हंस के मर जाऊँगा पूरी ये आरजू कर दे..

कितनी मुद्दत से न देखा तुझे ऐ हुस्ने हया...
कभी तो हुस्न के गलियों से रूबरू कर दे..
फिर अगर जान भी मांगे तो गम नहीं कोई...
हंस के मर जाऊँगा पूरी ये आरजू कर दे..

कभी खिड़की कभी छत से कभी झरोखों से ..
कितनी नाकाम कोशिशों से तुझ को देखा है..
अब वो पर्दा भी जानता है हरकतें मेरी..
तेरी खिड़की पे जो दरबान बना लटका है..

वैसे आया हूँ कई बार घर पे भी तेरे..
कभी अखबार और सब्जी के कुछ बहानो से ..
पैर खुदाया क्योँ पले होते हैं घर पे कुत्ते...
लौट आया हूँ हर बार बस मुहाने से..

उफ़ ये मुहब्बत न जाने क्या कराएगी..
कब तलक मुझ को तेरा इन्तेजार यूँ होगा ..
अब तो सूरज भी हंस रहा है.. चाँद भी मुझ पर ..
जाने इस हुस्न का दीदार मुझे कब होगा..

ऐ मेरे हुस्न के मलिका ऐ मेरी जोहराजबी ..
माना दुनिया मैं तेरे जैसा नहीं कोई हंसी..
तो ये दावा है तेरा मुझ से भरी दुनिया मैं..
न मिलेगा तुझे आशिक भी मेरे जैसा कहीं

जद्दोजहत ... जिंदगी की..

मुक्कमल ख्वाहिशें हो जायेंगी तो क्या जियंगे...
न होगा दर्दे गम कोई तो बोलो क्या पियेंगे...
जरा प्यासी रहे होठों की तबियत .... ये मुनासिब है...
बडी  तौहीन हो जायेगी गर.. जी भर पियेंगे |

मजा रुक रुक के आता है जरा थम थम के आता है,
कभी देखा है पीने का मजा एक दम से आता है |
अरे बेचन मत हो ... मुश्किलों से झूम के टकरा...
की जीने का मजा आखिर तक लड़ने मैं आता है |

सियासत

सियासत जंग है ऐसी ... जो तिल तिल मारती है यूँ...
जहाँ लगता है जीता हूँ... वहीँ पर हार होती है...
सियासत करने वालों तुम ... घरोंदा फूंक दो अपना...
ये ऐसी आग है जो सात पीढ़ी साफ़ करती है...

Karwachauth

भोर के इस पहर तुमको सोते हुए ,
देखना इस तरह इस कदर प्यार से|
ऐसा लगता है ख्वाबों में हो एक परी ,
आ गया हूँ मैं सपनो के संसार में |

सुबह की रश्मियाँ छेड़ने जब लगीं ,
नींद आँखों का घर छोड़ने जब लगीं |
मिच्मिचायी नजर, करवटें बेखबर ,
दिल ये चाहा लुटा दूँ मैं जाँ प्यार में |

तेरा अलसायी नजरों से यूँ देखना,
तेरा होठों के जरिये मुझे छेड़ना |
दिल ने चाहा यहीं वक़्त को थाम लूं ,
फिर से खो जावूँ मैं तेरे संसार में |

शाम की है घटा , थक चुका है बदन ,
प्यास होठों पे है मन है फिर भी मगन |
कितनी हसरत से सजती संवरती हुई ,
भर रही है मेरा प्यार वो मांग में |

देखो पल्लू मेरा है सही या नहीं ,
देखो साडी के प्लेटें सही या नहीं |
देखो सच बोलना तुमको मेरी कसम,
कैसी लगती हूँ दुल्हन के सृंगार में |

सारे नाजुक से रिश्ते निभाती हुई,
हर रिवाजों पे सर को झुकाती हुई|
तेरा मासूमियत से मुझे देखना,
झुक गया में तेरे सामने प्यार में |

My Story

बड़ी आधी अधूरी ख्वाहिशों में…
बड़े बेचैन से इन रास्तों में…
बहुत तनहा सफ़र की बोरियत में …
बड़े बेजान से इन काफिलों में…
मैं अपनी दुनिया ढूंढता हूँ…
मैं अपने रस्ते चल रह हूँ….
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

मुझे शिकवा नहीं कोई किसी से…
मुझे हैरत नहीं है जिंदगी से…
मैं अपनी चालें चल रहा हूँ…
तुम अपनी चालें चलते जाओ…
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

A letter in your memory

आज कुछ अजीब सा हूँ मैं…बोझिल सा थका हुआ
शायद कुछ खो गया है मेरा…
या शायद जींदगी नाराज है मुझसे…या शायद कोई और वजह है |

यूँ तो सब वैसा ही है पहले जैसा …. पर आदतें अजब सी लग रहीं हैं..
दिल तो अब भी वही है पर क्योँ लगता है जैसे..
ख्वाहिशें अजब से हैं…
हो सकता है वो याद आ रही है इसलिए…
या ये भी हो सकता है की मैं उस से दूर आ गया हूँ इसलिए…
जो भी हो कुछ वजह भी और कोई सिरा भी है |

शाम उसको देखो तो कुछ पहचाना सा लगा …
वो अनजाना सा चेहरा कुछ जाना पहचाना सा लगा..
वही हरकत …. वो शरारत… वो मासूम सा भोला सा मुखडा …
बिलकुल अपने आशियाने सा लगा |
सच में अगर ये मोहब्बत की शुरुआत है तो पडाव क्या होंगे…मंजिलें क्या होंगी…
और तब क्या होगा जब हम साथ होंगे…
एक दुसरे के साथ होंगे…. कुछ तो होगा….कुछ नया ….अजब सा …
जिसकी कोई वजह नहीं होगी..जो बस होगा…होने के लिए…
खो जाने के लिए…और शायद…
ये कहने के लिए…
” की दूर तो हैं तुमसे हम .. पर मोहब्बत पे रश्क रखना…..
गर जमाना खिलाफत में है .. जमाने से शर्त रखना..
इश्क गर है खुदा तो खुदा संभालेगा…
बस जरा ये करना.. कि हौसले बुलंद रखना… “

Saturday, September 15, 2012

तुम्हारी याद में एक ख़त

आज कुछ अजीब सा हूँ मैं…बोझिल सा थका हुआ
शायद कुछ खो गया है मेरा…
या शायद जिंदगी नाराज है मुझसे…या शायद कोई और वजह है |

यूँ तो सब वैसा ही है पहले जैसा …. पर आदतें अजब सी लग रहीं हैं..
दिल तो अब भी वही है पर क्योँ लगता है जैसे..
ख्वाहिशें अजब से हैं…
हो सकता है वो याद आ रही है इसलिए…
या ये भी हो सकता है की मैं उस से दूर आ गया हूँ इसलिए…
जो भी हो कुछ वजह भी और कोई सिरा भी है |

शाम उसको देखो तो कुछ पहचाना सा लगा …
वो अनजाना सा चेहरा कुछ जाना पहचाना सा लगा..
वही हरकत …. वो शरारत… वो मासूम सा भोला सा मुखडा …
बिलकुल अपने आशियाने सा लगा |

सच में अगर ये मोहब्बत की शुरुआत है तो पडाव क्या होंगे…मंजिलें क्या होंगी…
और तब क्या होगा जब हम साथ होंगे…
एक दुसरे के साथ होंगे…. कुछ तो होगा….कुछ नया ….अजब सा …
जिसकी कोई वजह नहीं होगी..जो बस होगा…होने के लिए…
खो जाने के लिए…और शायद…
ये कहने के लिए…

” की दूर तो हैं तुमसे हम .. पर मोहब्बत पे रश्क रखना…..
गर जमाना खिलाफत में है .. जमाने से शर्त रखना..
इश्क गर है खुदा तो खुदा संभालेगा…
बस जरा ये करना.. कि हौसले बुलंद रखना… “

A Strugglers Story

बड़ी आधी अधूरी ख्वाहिशों में…
बड़े बेचैन से इन रास्तों में…
बहुत तनहा सफ़र की बोरियत में …
बड़े बेजान से इन काफिलों में…
मैं अपनी दुनिया ढूंढता हूँ…
मैं अपने रस्ते चल रह हूँ….
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

मुझे शिकवा नहीं कोई किसी से…
मुझे हैरत नहीं है जिंदगी से…
मैं अपनी चालें चल रहा हूँ…
तुम अपनी चालें चलते जाओ…
यही है बस मेरा सारा मुकद्दर….
यही है बस मेरी पहचान भी अब..
तुम्हें आना है मेरे साथ आओ…..तुम्हें जाना है मुझसे दूर जाओ |

Somewhere Sometime


मैं तुझे प्यार की कश्ती में घुमा लाता पर …
इन हवाओं के सर्द झोको से घबराता हूँ |

मैं तुझे चाँद सितारों से मिला लाता पर …
इस तेरे हुस्न की चमचम से डरा जाता हूँ |

वैसे अफ़सोस नज़ारों का मुझे भी होगा …
वो तेरे हुस्न से दीदार ना हो पाएँगे |

पर तसली है की तू शाम तलक मेरी है …
जिनको जलना है वो खुद रात में खो जाएँगे |

तेरी साँसों का कहर जब भी गिरा है मुझ पर …
ऐसा लगता है की बेजान हुआ जाता हूँ |

यूँ तो कदमों मे तेरे हैं मुझे जन्नत का नसीब ..
तेरे कदमों की हर आहाट से ठिठक जाता हूँ

रुखसत : एक नयी कहानी

बस एक समोसे की खातिर लड़ जाना और झगड़ जाना ,
और एक चाय की प्याली में दो चार मुहों का जुड़ जाना |
वो एक माजा की बोतल के पीछे भागे सौ दीवाने ,
और एक ही लड़की के पीछे दो सगे दोस्त का लड़ जाना |
कब आएगा ये मंजर कब फिर से गाली गुन्जेगी ,
अब कैसे कलरव अविष्कार में मेरी ताली गुन्जेगी ,
डर लगता है सारी यादें मोतीलाल में छुटेंगी |

वो शाम सात से आठ बजे तक कॉलेज का ट्रैफिक हाई था ,
और उस से पहले कैंटीन का रौला हाई फाई था |
कुछ कहते हैं कुछ बैठे हैं कुछ बेकदरी में रहते है ,
मुझको मालुम है सब लड़के मन ही मन में ये कहते हैं ,
अब कौन चलाएगा DC अब कहाँ मिलेगा ये CC ,
अब कहाँ रात को तीन बजे हम चाय पीने जायेंगे |
सब के मन में ये टेंशन हैं अब कहाँ मिलेंगे bday बम ,
और कहाँ बैठ कर हॉट drinks की बोतल पर बोतल टूटेंगी |
डर लगता है सारी यादें जब मोतीलाल में छुटेंगी |

अब कैसे हम sharing पर से वो प्यारी फाइल उठाएंगे ,
और जिन्हें देख कर मस्ती में हम अपनी रात बितायेगे |
क्या होगा उन प्यारी प्यारी लड़की वाली सब गप्पों का ,
क्या होगा फर्जी किस्सों का ये तेरी वो मेरी वाले हिस्सों का |
और किस के पीछे हम सारे लड़के सज धज कर जायेंगे ,
अब कहाँ milengi संगम की और सिविल लाइन्स की वो यादें |
यूँ लगता है सारी खुशियाँ हम सब से अब तो रूठेंगी ,
डर लगता है सारी यादें जब मोतीलाल में छुटेंगी |