मुक्मल ख्वाहिशें हो जाएँगी तो क्या जियेंगे …।
न होगा दर्दे गम कोई .... तो बोलो क्योँ पियेंगे ....
जरा प्यासी रहे होठों कि तबियत ये मुनासिब है …
बड़ी तौहीन हो जायगी गर … जी भर पियेंगे .... ।
न होगा दर्दे गम कोई .... तो बोलो क्योँ पियेंगे ....
जरा प्यासी रहे होठों कि तबियत ये मुनासिब है …
बड़ी तौहीन हो जायगी गर … जी भर पियेंगे .... ।
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