Poetic Rebellion .....

Thursday, November 28, 2013

Media : And the changing pattern ...

मेरे लूटने के आलम को भले तुम भूल जाना पर   ....
मेरी इस मौत का उस न्यूज़ में  चर्चा नहीं करना   ....
जहाँ पर मीडिया ने रूह तक है बेच दी अपनी  ....
वहाँ मुझको भी ब्रेकिंग न्यूज़ का दर्जा नहीं देना  …

वजह इस मौत कि दुनिया भले ही कुछ समझ ले पर  …
मैं इतना जनता हूँ मेरे कारिंदो कि गलती है  ....
अभी हँस लो तुम्हारा वक़्त है  .... हँसना भी वाजिब है  …
मगर हर पल यहाँ पर वक़्त कि फितरत बदलती है  

No comments:

Post a Comment