कहीं जिंदगी की यूँ दौड़ में ... कहीं हसरतों के नए मोड़ में ..
कहीं यूँ न हो .. भूले रहें ... हम कौन हैं ? .. और किस लिए .. ?
कब से खड़े हैं ... यूँ यहीं ...इस बेबसी की छावं में ...
हम सब जड़े हैं इस जगह .. कमजोर हैं .. क्या जायेंगे ..और किस तरफ ?
बस बेबसी में हैं देखते ..कभी इस तरफ ... कभी उस तरफ ..
कोई आएगा .. ले जाएगा .. इस राह में ... उस राह में ..
या इस तरफ .. या उस तरफ .. इस गावं में ... उस गावं में ...
या बस किसी शमशान में ... या बस किसी शमशान में ...
कहीं यूँ न हो .. भूले रहें ... हम कौन हैं ? .. और किस लिए .. ?
कब से खड़े हैं ... यूँ यहीं ...इस बेबसी की छावं में ...
हम सब जड़े हैं इस जगह .. कमजोर हैं .. क्या जायेंगे ..और किस तरफ ?
बस बेबसी में हैं देखते ..कभी इस तरफ ... कभी उस तरफ ..
कोई आएगा .. ले जाएगा .. इस राह में ... उस राह में ..
या इस तरफ .. या उस तरफ .. इस गावं में ... उस गावं में ...
या बस किसी शमशान में ... या बस किसी शमशान में ...