काश तुम समझ सकते ...
नशे का असर
हवा का जहर
फरेब का ये समर
काश तुम समझ सकते
वो खादी की टोपी …
सफेदी की स्याही ....
वो बातों के गुच्छे … फरेबी की आदत
काश तुम समझ सकते
ये झूठे से वादे …
ये काँधे का मफलर …
ये रोनी सी सूरत … "और पीछे की हसरत "
काश तुम समझ सकते ।
नशे का असर
हवा का जहर
फरेब का ये समर
काश तुम समझ सकते
वो खादी की टोपी …
सफेदी की स्याही ....
वो बातों के गुच्छे … फरेबी की आदत
काश तुम समझ सकते
ये झूठे से वादे …
ये काँधे का मफलर …
ये रोनी सी सूरत … "और पीछे की हसरत "
काश तुम समझ सकते ।