मेरी पलकों की घनी छावं मैं अक्सर आकर ..
कौन हो तुम जो मुझे प्यार से यूँ समझाकर |
अपनी मासूम निगाहों में डूबा देती हो...
और दिल प्यार में पागल हो डूब जाता है |
हर कदम पे मेरी ये सांस सभी से पूछे ..
कौन है वो जो इस तरह से यूँ मुझे छू के |
प्यार की राह में दीवानों सा तनहा छोड़ा ..
अब तेरे अक्स की यादों में डूब जाता हूं |
कौन हो तुम जो मुझे प्यार से यूँ समझाकर |
अपनी मासूम निगाहों में डूबा देती हो...
और दिल प्यार में पागल हो डूब जाता है |
हर कदम पे मेरी ये सांस सभी से पूछे ..
कौन है वो जो इस तरह से यूँ मुझे छू के |
प्यार की राह में दीवानों सा तनहा छोड़ा ..
अब तेरे अक्स की यादों में डूब जाता हूं |
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