Poetic Rebellion .....

Thursday, June 13, 2013

Nitish Kumar To Narendra Modi :

तुम्हारे हक में हम बोलें ... तो क्या बोलें ...
की अब चुपचाप रह कर ... रह गुजर आसन लगती है ..।

तुम्हारी जिस अदा पर ... और खता पर .. हम तुम्हारे थे…
वही बातें ....तुम्हारे हर्फ़ पर इल्जाम लगती हैं ... ।

तुम्हारे साथ चल कर ... मंजिलों का अब भरोसा क्या ...
की अब गैरों की बाहें थामनी ... आसन लगती है ...

Dont do this Sir... :)

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