Poetic Rebellion .....

Friday, June 14, 2013

अजनबी शहर की बात

अजनबी शहर में ... अजनबी रास्ते ..
मेरी तन्हाई पर मुस्कुराते रहे ... ।

जब परेशान था .. दिल का मंजर मेरे ..
तब हवाओं ने सरगम की धुन छेड़ दी ... ।
थी तड़प जब निगाहों मैं ख़्वाबों की कुछ ..
नींद बैरन हुई .. जागते हम रहे .. ।

इस पराये शहर की हवा में मुझे ...
एक घुटन का है अहसास होता रहा ..।
उसपे गम ये जुदाई का पागल किये ..
होंठ प्यासे हुए ... हम तरसते रहे ..।

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